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Mgnregs hindi महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना – ग्रामीण बेरोजगारी, भूख और गरीबी से निजात पाने के लिए केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री द्वारा 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले से किया गया है । Mgnregs hindi
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
ग्रामीण बेरोजगारी, भूख और गरीबी से निजात पाने के लिए केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री द्वारा 2 फरवरी 2006 को आंध्रप्रदेश के अनंतपुर जिले से किया गया है ।
प्रथम चरण में वर्ष 2006-2007 में देशभर के 200 जिलों में इस योजना का क्रियान्वयन किया गया । दूसरे चरण में इसमें 130 और जिलों को शामिल कर दिया गया । प्रथम चरण में कार्यान्वयन के लिए चयनित 200 जिलों में से 150 वें जिले शामिल थे, जहाँ काम के बदले अनाज योजना पहले से ही चल रही थी ।
- काम के बदले अनाज योजना और सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना का विलय इस योजना में कर दिया गया है ।
- 1 अप्रैल, 2008 से यह योजना सम्पूर्ण देश में लागू कर दी गई ।
- इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को वर्ष में कम से कम 100 दिन अकुशल श्रम वाले रोजगार की गारंटी दी गई है ।
- योजना में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है ।
- योजना के तहत वैसे कार्यों को किया जा रहा है जो स्थायी ढांचे का निर्माण करेगा जैसे- भूमि विकास, जल संसाधन एवं संरक्षण, वृक्षारोपण, सूखा निवारण, बाढ़ नियंत्रण, बारहमासी सड़क संपर्क का विकास आदि ।
- प्रारंभ में राज्यों में कृषि श्रमिकों के लिए लागू वैधानिक न्यूनतम मजदूरी का भुगतान इसके लिए करने की व्यवस्था की गई ।
- केन्द्र सरकार ने मनरेगा के तहत मजदूरों को दी जाने वाली मजदूरी की दरों को खेतिहर मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से सम्बद्ध करने की घोषणा जनवरी, 2011 में की । इससे इन मजदूरों पहले के 100 रूपये के स्थान पर अधिक मजदूरी मिलेगी । विभिन्न राज्यों में यह वृद्धि 17 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच है ।
- नरेगा का नामकरण महात्मा गांधी के नाम पर करने की घोषणा 2 अक्टूबर 2009 को की गई थी । इस प्रकार अब इस योजना का नाम औपचारिक रूप से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम हो गया है ।